NSA act in Hindi ( National Security Act ) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम या rasuka act in hindi भी कहा जाता है।rasuka act को भारत में तब लाया जाता है जब 1975 की आपातकाल लगाने की वजह से इंदिरा गाँधी 1977 के चुनाव में हार जाती है। लेकिन सन 1980 में जब इंदिरा गांधी की दोबारा सरकार बनने पर सरकार के द्वारा 22 सितंबर 1980 को राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश जारी किया जाता है.जो फरवरी 1981 में एक कानून का रूप ले लेता है. जिसे की हम rasuka act के नाम से जानते है।
यह कानून बनने के साथ ही जम्मू कश्मीर के अलावा भारतीय संघ के अन्य सभी राज्यों पर लागू किया गया। यह कानून बेसिकली निवारक निरोध कानून था। निवारक निरोध कानून क्या है इसको हमने पहले लेखो में पढ़ चुके है। इस कानून का प्रयोग ऐसे व्यक्तियों यह समाज विरोधियों के लिए किया जाता था किया जाता है जो कि देश के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हो।
NSA act in Hindi या rasuka act in hindi क्या है
rasuka act in hindi लाने के पीछे बहुत बड़ा कारण मिसा एक्ट (MISA ACT ) था। मिसा एक्ट को निवारक नजरबंदी कानून या PD ACT को 1970 में समाप्त करने के बाद 1971 में मिसा एक्ट (MISA AC को लाया गया जिसका प्रयोग आपातकाल के दौरान बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया गया था. यह एक्ट इतना खतरनाक था जिसका आप कोई आईडिया भी नहीं लगा सकते है। इसी एक्ट का प्रयोग से ही इंदिरा गाँधी की सरकार ने अपने सभी विरोधिओं को जैल में डाल दिया था। लेकिन इस एक्ट को समाप्त करने के लिए 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की सरकार ने लोकसभा में एक बिल पेश किया इस बिल को 19 जुलाई 1978 को लोकसभा तथा 27 जुलाई 1978 को राज्यसभा ने पास कर दिया।
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद यह मीसा एक्ट समाप्त हो गया लेकिन जब 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार दोबारा सत्ता में आई तो उन्होंने एक और एक्ट पास किया जिसका नाम था NSA या रासुका या rasuka act in hindi जो कि 1981 में कानून का रूप ले चुका था संसद में गृह मंत्री के द्वारा यह विश्वास दिलाया गया इसका प्रयोग केवल जमाखोरों, कालाबाजारियो , समाज विरोधियों तथा देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक व्यक्तियों के लिए ही किया जाएगा लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं था इन कारणों का प्रयोग सत्तारूढ़ दल ने के द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। और भी किया जा सकता।
rasuka act in hindi या राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम कब लागू हुआ।
यह एक्ट पहला नहीं था इस प्रकार के एक्ट को ब्रिटिश शासन काल के दौरान भी लाया गया जिसे हम प्रीवेंटिव कानून कहते है। प्रीवेंटिंग कानून का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति को इस आधार पर गिरफ्तार करना कि वह व्यक्ति कोई जुर्म करने वाला है। या पुलिस को उस पर यह शक होता है कि वह किसी को नुकसान पहुंचाने वाला है। उस नुकसान को पहुंचाने से पहले ही उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
सन 1881 में ब्रिटिश सरकार के द्वारा बंगाल प्रेसिडेंसी में बंगाल रेगुलेशन थर्ड नाम का कानून लाया जाता है। जिसके द्वारा व्यक्ति को कोई घटना करने से पहले ही गिरफ्तार करना होता था 1919 का रॉयल एक्ट भी इसी तरह का एक निवारक निरोध कानून था जिसके अंतर्गत ना कोई वकील ना कोई दलील और ना ही व्यक्ति को ट्रायल तक की छूट थी।
लेकिन जब भारत आजाद हुआ सब लोगों को यह लगने लगा कि अब इन जैसे कानूनों की कोई जरूरत नहीं है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था। 1950 में जवाहरलाल नेहरू की सरकार के द्वारा निवारक नजरबंदी एक्ट को लाया गया जिसमें व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी का कारण बताइए बिना ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाता जिसकी अधिकतम सजा 3 महीने और ज्यादा से ज्यादा एक सलाहकार बोर्ड के द्वारा 1 वर्ष से अधिक की जा सकती थी लेकिन निवारक नजरबंदी कानून को 1969 में समाप्त कर दिया गया और इसके स्थान पर सन 1971 में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम ( MISA ) लाया गया इस प्रकार हम कह सकते हैं. कि समय-समय पर इस प्रकार के कानूनों को सरकार के द्वारा लाया जाता है जो कि एक निश्चित सीमा के लिए ही बनाया जाता है और जब इनका उद्देश्य पूर्ण हो जाता है तो एक्ट को समाप्त कर दिया जाता है।
NSA Act या rasuka act in hindi Punishment in Hindi
इस एक्ट के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को शक के आधार पर गिरफ्तार किया जाता है। तो उसे 3 महीने की अवधि तक बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है यह अवधि 12 महीने तक की हो सकती है साथ ही हिरासत में रखे गए व्यक्ति को हाईकोर्ट के एडवाइजरी के सामने या सलाहकार बोर्ड के सामने अपील पेश कर सकता है। उसे वकील भी नहीं मिलता. जब मामला कोर्ट में जाता है। .साथ ही राज्य सरकार को यह बताना होगा इस व्यक्ति को हिरासत में रखा गया है। और उसे किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है। .
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1983
24 दिसंबर 1983 को राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के नाम से एक और निवारक निरोध अध्यादेश जारी किया गया जो की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के नाम से जाना गया यह भी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की तरह एक कठोर कानून था इस एक्ट को 1985 के अंदर खत्म कर दिया गया और इसके स्थान पर एक और एक्ट लाया गया जिसका नाम था टाडा।
टाडा TADA Act in Hindi
टाडा ( TADA ) अर्थात आंतकवाद एवं विध्वंस गतिविधियों ( निरोधक ) अधिनियम पंजाब कश्मीर और अन्य राज्यों में बढ़ रही आंतकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सन 1985 में यह कानून लाया गया। संविधान के अंदर बहुत से निवारक निरोध व्यवस्था के अंतर्गत बहुत से कानून बनाए गए हैं उन कानूनों में यह कानून सबसे ज्यादा कठोर अधिक प्रभावशाली था।
इस कानून को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दिए जाने पर न्यायालय की सविधान पीठ ने अपने 11 मार्च 1994 के फैसले को बहुमत से निर्णय देते हुए इस एक्ट को वेद्य मना और साथ ही सरकार को इसमें संशोधन करने के निर्देश दिए तथा पुलिस को यह निर्देश दिया इसका दुरुपयोग न किआ जाये , लेकिन विभिन राज्यों के सरकारों द्वारा इसके इतना ज्यादा दुरुपयोग किया गया इस दुरुपयोग से संबंधित शिकायतों के बाद यह मांग होने लगी इस कानून की अवधि अवधी को 23 मई 1995 के बाद नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और अंत में एक की अवधि को नहीं बढ़ाई गया और यह 1995 में समाप्त हो गया।
निष्कर्ष
आजादी के बाद भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा समय-समय पर अपनी सुरक्षा को बनाए रखने के लिए इस प्रकार के एक्ट जो कि अलग-अलग नामों से जाने गए जैसे निवारक नजरबंदी कानून, आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधियों अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम आदि इस प्रकार के कानूनों को लाने का महत्व इतना ही है कितने राज्य और देश में होने वाले घटनाओं को कम किया जा सके और इस एक्ट के माध्यम से अपने नागरिकों की सुरक्षा की जाए लेकिन इतिहास गवाह है इन कानूनों का दुरुपयोग भी हमें देखने को मिला है जैसे 1975 में आपातकाल में इंदिरा गांधी की सरकार के द्वारा बहुत से बंदी बनाए गए जो इंदिरा गांधी के विपक्ष के नेता समाज वर्कर पत्रकार आदि हो सकते हैं
आशा करते हैं कि हमारे द्वारा rasuka act in hindi इस लेख में दी गई जानकारी से आपको आने वाले एग्जाम के लिए वह अपने ज्ञान में बढ़ोतरी हुई होगी अगर आपको इस लेख से संबंधित कोई सवाल या इस लेख से जुड़ी जानकारी हो जो कि आप हमसे साझा करना चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके आप अपनी जानकारी को भेज सकते हैं.
rasuka act in Hindi Full Form
NSA KI FULL FORM है. NATIONAL SECURITY ACT (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट ) या राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम या ऐसे रासुका (RASUKA ) इसे कई नामो से जाना जाता है। यह निवारक नजरबंदी के तहत बनाया गया बहुत खतरनाक एक्ट है।
rasuka Act Punishment in Hindi
NSA Act Punishment in Hindi इस एक्ट के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को शक के आधार पर गिरफ्तार किया जाता है। तो उसे 3 महीने की अवधि तक बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है यह अवधि 12 महीने तक की हो सकती है
NSA act in Hindi को कब लागू किया गया
24 दिसंबर 1983 को राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के नाम से एक और निवारक निरोध अध्यादेश जारी किया गया जो की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के नाम से जाना गया यह भी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की तरह एक कठोर कानून था इस एक्ट को 1985 के अंदर खत्म कर दिया गया और इसके स्थान पर एक और एक्ट लाया गया जिसका नाम था टाडा।
TADA Full Form
TERRORIST AND DISRUPTIVE ACTIVITIES (PREVENTION) ACT, 1987.अर्थात आंतकवाद एवं विध्वंस गतिविधियों ( निरोधक ) अधिनियम है।
टाडा TADA को कब लागू किया गया था।
आंतकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सन 1985 में यह कानून लाया गया। संविधान के अंदर बहुत से निवारक निरोध व्यवस्था के अंतर्गत बहुत से कानून बनाए गए हैं उन कानूनों में यह कानून सबसे ज्यादा कठोर अधिक प्रभावशाली था।
NSA act in Hindi या rasuka act in Hindi1983
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की तरह एक कठोर कानून था इस एक्ट को 1985 के अंदर खत्म कर दिया गया और इसके स्थान पर एक और एक्ट लाया गया जिसका नाम था टाडा।
निवारक निरोध व्यवस्था के अंतर्गत बने कनून
PD ACT (Preventive Detention Act ) ,1950
U.A.P.A ( Unlawful Activities (Prevention) Act ) 1967
M.I.S.A. (Maintenance of Internal Security Act ) ,1970
POTO ( Prevention of Terrorism Ordinance ) , 2001
POTA (Prevention of Terrorism Act ) 2002