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कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार,Type Of Computer Memory In Hindi,,Computer Mcq In Hindi मेमोरी किसे कहते है। मेमोरी कितने प्रकार की होती है ,सबसे बड़ी मेमोरी कौन सी है।सहायक मेमोरी किसे कहते है। प्राइमरी मेमोरी किसे कहते है। ये सभी Question अक्सर हमारे दिमाग में आते रहते है। और जब भी ये Question दिमाग में आते है उसी समय हम इनको गूगल पर सर्च करने लगते है। लेकिन अब आपको इन सभी Computer Mcq In Hindi के आंसर ऐसी लेख में देने की कोशिश की जाएगी। 

मेमोरी किसे कहते है (what is computer memory in Hindi )

Computer Memory एक Physical Devices होता है, जिसका प्रयोग कंप्यूटर में अस्थायी तथा स्थायी तौर पर data, information और instruction को स्टोर करने के लिए किया जाता है।ताकि प्रोसेसिंग के  समय या फिर हम उसके बाद भी इन सूचनाओं का प्रयोग कर सकते हैं कंप्यूटर मेमोरी का प्रयोग प्रोसेसिंग होने के बाद जो हमें प्राप्त परिणाम होता है उसको स्टोर करने के लिए भी किया जाता है.

Type Of Computer Memory In Hind | कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार

  • Primary Memory (प्राथमिक मेमोरी) या मुख्य मेमोरी  
  • Secondary Memory (सेकेंडरी मेमोरी) या सहायक मेमोरी 
  • Cache Memory (कैश मेमोरी )

Type Of Computer Memory In Hind | कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार

Type Of Computer Memory In Hind | कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार

प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)-

  1. Non Volatile (स्थायी )

(1) ROM (Read Only Memory )-

  • MROM (Masked Read Only Memory
  •  PROM (Programmable Read-Only Memory)
  • EPROM (Erasable And Programmable Read-Only Memory)
  •  EEPROM (Electricity Erasable And Programmable Read-Only Memory)-

     2. Volatile (अस्थायी मेमोरी )     

          (1 ) RAM (Random Access memory ) 

  •  SRAM (Static Random Access Memory)-
  •  DRAM (Dynamic Random Access Memory)

 

प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) -प्राथमिक मेमोरी कंप्यूटर की वह मेमोरी होती है जो कि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU ) से सीधे जुड़ी होती है जो हर समय कंप्यूटर के साथ काम करती रहती है इसी को हम मुख्य मेमोरी या प्राइमरी मेमोरी कहते हैं.

  • प्राइमरी मेमोरी को हम अस्थायी  मेमोरी भी कहते हैं क्योंकि यह मेमोरी परिवर्तनशील होती हैं इसका मतलब यह है कि जब विद्युत सप्लाई बंद हो जाने के बाद भी इसमें जो डाटा होता है. वह डाटा समाप्त हो जाता है. इसलिए यह मेमोरी अस्थायी मेमोरी होती है.
  • प्राइमरी मेमोरी अनेक छोटे-छोटे भागों में बंटी होती है और इन्हीं भागों को हम लोकेशन (Location )या फिर सेल (Cell ) कहते हैं.
  • प्राइमरी मेमोरी की गति बहुत तेज होती है.लेकिन  इसकी स्टोरेज क्षमता बहुत ही सीमित तथा कीमत बहुत अधिक होती है.
  • प्राथमिक मेमोरी या मुख्य मेमोरी एक इलेक्ट्रॉनिक या सेमीकंडक्टर मेमोरी होती है इस मेमोरी के अंदर इंटीग्रेटेड सर्किट (IC Integrated Circuit) का प्रयोग किया जाता है जोकि सिलीकान चिप के बने होते हैं(सिलीकान चिप को जे.एस किल्वी के द्वारा बनाया गया था जो मुख्यतय गेलियम आर्सेनाइड के बने होते है ) 

Non Volatile (स्थायी )

ROM  (Read Only Memory ) –

    • यह एक स्थाई इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी है जिसमें स्टोर किया हुआ डाटा वह सूचनाएं अपने आप नष्ट नहीं होती है और ना ही हम इसमें कोई बदलाव कर सकते हैं.
    • रोम  में जिसे नाम से ही स्पष्ट है कि हम इसमें स्टोर किया हुआ डाटा को केवल पढ़ सकते हैं लेकिन परिवर्तन नहीं कर सकते हैं.
    •  इसलिए रोम  को कंप्यूटर की बिल्ड इन (Built In ) मेमोरी भी कहा जाता है. क्योंकि रूम में कंप्यूटर को स्टार्ट करने के लिए आवश्यक जैसे कि इंस्ट्रक्शन सेट तथा सिस्टम बूट प्रोग्राम सूचना को स्टोर किया जाता है. इसलिए हम इसे बिल्ड इन मेमोरी कहते हैं.
    •  रोम के अंदर BIOS चिप व CMOS चिप लगे होते है। जहा पर CMOS Chip ( Complementary Metal Oxide Semiconductor) जहा पर समोस का कार्य होता है कंप्यूटर में Date व Time  को सही रखने के लिए किया जाता है।वही BIOS Chip ( Basic Input Output System Chip ) जब Computer को चालू करने पर POST ( Power On Self Test ) प्रोग्राम चलता है। means computer को शुरू करते समय जो हमे स्क्रीन को ओपन करने का काम होता है।     
    • रोम का निर्माण सेमीकंडक्टर डिवाइस से किया जाता है. इसीलिए हम इसे इलेक्ट्रॉनिक या सेमीकंडक्टर मेमोरी भी कहते हैं. 

 

  • MROM (Masked Read Only Memory)-यह रोम का एक अलग ही प्रकार माना जाता है क्योंकि इस हेमरोम के अंदर जो प्रोग्राम डाले जाते हैं वह कंपनी अर्थात निर्माता के द्वारा डाले जाते हैं ना कि उसे यूज करने वाले उपयोगकर्ता के द्वारा इसमें कोई प्रोग्राम डाला जाता है.Masked का मतलब है कि जब निर्माता कंपनी इसमें प्रोग्राम डाल देते हैं तब चिप के दवार (गेट )को बंद कर देते हैं.
  • PROM (Programmable Read-Only Memory)– इस प्रकार के रोम में उपयोगकर्ता के द्वारा कुछ प्रक्रिया से इसमें डाटा को प्रोग्राम किया जा सकता है. लेकिन जब इसमें डाटा को डालने के बाद यह सामान्य रोम की तरह कार्य करती हैं.
  • EPROM (Erasable And Programmable Read-Only Memory)– जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है रूम के अंदर पहले डाले हुए प्रोग्राम को हम मिटा सकते हैं मतलब इस प्रकार के रूम पर पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays )की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है.इसलिए इसको अल्ट्रावॉयलेट इप्रोम (Ultraviolet EPROM) भी कहा जाता है
  • EEPROM (Electricity Erasable And Programmable Read-Only Memory)-इस तरह के रूम को सर्किट से निकाले बिना इस पर उच्च विद्युत विभव की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है इसलिए इसे हम फ्लैश मेमोरी (Flesh Memory )भी कहते हैं. 

RAM (Random Access memory )-रैंडम एक्सेस मेमोरी जिस मेमोरी यूनिट में किसी भी लोकेशन पर स्टोर  किया हुआ डाटा को पढ़ने या डाटा को स्टोर करने में एक समान समय लगता है. अर्थात इतना देर हमें किसी डाटा को पढ़ने में लगता है उतना ही समय उसे स्टोर करने में लगता है. तब हम उसे रेंडम एक्सेस मेमोरी कहते हैं. रेंडम एक्सेस मेमोरी अस्थाई मेमोरी होती है अर्थात जब हमको कंप्यूटर  में कोई कार्य कर होते हैं. उस समय अगर लाइट चली जाती है तो वो डाटा ऑटोमेटिक हमारे कंप्यूटर से डिलीट हो जाता है.

  •  SRAM (Static Random Access Memory)–  यह रैम एक फिक्स रैम होती है अर्थात इस रेन को कम बार रिफ्रेश करना होता है. तथा यहां डाटा को भी हम ज्यादा देर तक रख सकते हैं.
  • DRAM (Dynamic Random Access Memory)– यह रैम बदलाव वाली होती हैं अर्थात यह मेमोरी को बार-बार करना पड़ता है और यहां डाटा भी बहुत कम टाइम तक रहता है लेकिन इस रूम का स्टोर किया हुआ डाटा रजिस्टर या कैपेसिटर में रहता है उदाहरण के लिए कॉल करते समय का जो डाटा होता है वह इसी रेम के अंदर रखा जाता है

द्वितीयक मेमोरी (Secondary Memory)-

  • सेकेंडरी मेमोरी के अंदर डाटा तथा सूचनाओं को बहुत बड़ी मात्रा में स्टोर करने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है. 
  • सेकेंडरी मेमोरी प्राथमिक मेमोरी की तरह सीपीयू के अंदर नहीं होती है.बल्कि यह कंप्यूटर सिस्टम के बाहर स्थित होती है.इसलिए इस मेमोरी को हम स्थाई मेमोरी भी कहते हैं.क्योंकि इसमें विद्युत सप्लाई बंद होने के बाद भी इसमें जो डाटा होता है वह डाटा बना रहता है। वह प्राथमिक मेमोरी  की तरह डिलीट नहीं होता है.
  • सेकेंडरी मेमोरी की खास बात यह है कि इसकी तो स्टोर करने की जो एक क्षमता होती है वह बहुत ही असीमित होती है। लेकिन जब इसमें डाटा को ट्रांसफर करने की गति धीमी होती है.मतलब की डाटा को प्राप्त करने में लगा समय बहुत अधिक  लगता है. 
  • जब भी हम कंप्यूटर के डाटा को save  करने की बात करते हैं। तो यह सहायक  मेमोरी में ही स्टोर होता है

 क्रमानुसार (Sequential Access Memory ) -इस प्रकार के मेमोरी में जो हमने डाटा को स्टोर किया हुआ है उस डाटा को अगर हमें पढ़ना होगा तब हमें उसे एक के बाद एक को पढ़ना होगा अर्थात क्रमा अनुसार ही पढ़ा जा सकता है। उदाहरण के लिए पुराने जमाने में रेडियो आते थे जोकि सीरियल वाइज गाने चला करते थे हम उनको बीच में से कोई गाना नहीं चला सकते थे.

उदाहरण-मेग्नेटिक टेप 

Direct Access Memory –जो कंप्यूटर में स्टोर किया हुआ डाटा को हम सीधे पढ़ सकते हैं तब हम उसे डायरेक्ट एक्सेस मेमोरी कहते हैं. -मैग्नेटिक डिस्क (Magnetic Disk)   -Hard Disk ,Floppy Disk . 

 Optical Disk-यह गोल फ्लैट सतह की एक सेकेंडरी मेमोरी होती है जिसमें डाटा को स्टोर करने के लिए Laser का उपयोग किया जाता है. इसमें डेटा Pits के रूप में स्टोर रहता है. उदाहरण – CD (Compact Disk), DVD (Digital Versatile Disk),CD-R CD-R/W, BRD,HVD 

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कैश मेमोरी (Cache Memory) क्या होती है 

कैश मेमोरी कंप्यूटर की सबसे फ़ास्ट मेमोरी होती है. CPU और RAM के बीच में डेटा को Fast Transfer करने के लिए इस मेमोरी का इस्तेमाल होता है.कैश मेमोरी के अंदर जो मेमोरी से डाटा प्राप्त करने की गति होती है तथा जो सीपीयू से डाटा प्रोसेस करने की गति से काफी धीमी होती है.

कैश मेमोरी का प्रयोग मेमोरी तथा प्रॉसेसर के बीच की स्पीड मिसमैच (गति अवरोध ) को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

यह मुख्य मेमोरी तथा सीपीयू के बीच एक अत्यंत तिरुपति की मेमोरी है. जहां पर इसका प्रयोग आने वाले डाटा और इंस्ट्रक्शन सटोर किया जाता है

कैश मेमोरी की विशेषताएं (Feature Of Cache Memory In Hindi)

  • इसमें डेटा Temporary स्टोर रहता है.
  • RAM और ROM से भी कम.इसकी क्षमता होती है मतलब इसमें डाटा को सिमित होता है। , 
  • यह केवल उसी डेटा को स्टोर करती है जिसे कम समय में Process करना होता है.
  • लिमिटेड डेटा स्टोरेज होने के बाद भी ये Costly होती है. Cache Memory (कैश मेमोरी ) प्मुख्य मेमोरी से भी अधिक Fast होती है.

कैश मेमोरी के प्रकार (Type Of Cache Memory In Hindi)

कैश मेमोरी  हम दो प्रकार से बाँट सकते है जिसमे सबसे पहला – 

  • L 1 Cache Memory ( Internal ) होता है तथा दूसरा 
  • L 2 Cache Memory ( External )

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1. कंप्यूटर के आविष्कारक कौन हैं ?

  • (A) वॉन न्यूमेन
  • (B) जे एस किल्बी
  • (C) चार्ल्स बैबेज
  • (D) इनमें से कोई नहीं
  • Answer – (c)

 कंप्यूटर साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है ?

  • (A) 5 दिसम्बर
  • (B) 14 दिसम्बर
  • (C) 22 दिसम्बर
  • (D) 2 दिसम्बर
  • Answer .(d)
(A ) 1
(B) 2
(C) 3
 (D) 4
Answer (B)
  1. RAM. इसका पूरा नाम Random access memory हैं। इस मेमोरी को कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी भी कहते हैं। तथा दूसरी
  2. ROM. इसका पूरा नाम Read only memory हैं। यह एक अस्थाई मेमोरी है।

what is computer memory unit Kya Hai –

Computer Memory में डाटा 0 और 1 के रूप में Store किया जाता है. जहा पर इन दो संख्याओं को Binary Digits और Bits कहा जाता हैं. प्रत्येक अंक एक Bit को प्रस्तुत करता हैं. इसलिए Computer Memory की सबसे छोटी इकाई Bit होती हैं.अगर हम बात करे की 0 का मतलब होता Off तथा 1 का मतलब होता On से है। 

  • Bit = 0 या 1
  • 4 Bit = 1 Nibble
  • 2 Nibble और 8 Bit = 1 Byte
  • 1024 Byte = 1 KB (KiloByte)
  • 1024 KB = 1 MB (Mega Byte)
  • 1024 MB = 1 GB (Giga Byte)
  • 1024 GB = 1 TB (Tera Byte)
  • 1024 TB = 1 PB (Penta Byte)
  • 1024 PB = 1 EB (ExaByte)
  • 1024 EB = 1 ZB (Zetta Byte)
  • 1024 ZB = 1 YB (YottaByte)
  • 1024 YB = 1 BB (BrontoByte)
  • 1024 BB = 1 GB (Geop Byte)

Computer Mcq In Hindi-

मेमोरी कितने प्रकार का होता है  –

Computer में Memory मुख्यतय तीन प्रकार की होती है.जो की इस प्रकार से है –

  • Primary Memory (प्राथमिक मेमोरी) या मुख्य मेमोरी  
  • Secondary Memory (सेकेंडरी मेमोरी) या सहायक मेमोरी 
  • Cache Memory (कैश मेमोरी )

निष्कर्ष –

अगर आप भी किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे जिसमे आपको कंप्यूटर से रेलेटेड Question आते है तब आपको Computer Mcq In Hindi को पड़ना भी जरूरी है। क्युकी Computer Mcq In Hindi को Daily पढ़ते है तब आपको computer के जितने भी Question आपके एग्जाम में आएगे आप इस में Computer Mcq In Hindi को पढ़ कर अपनी तैयारी को और बेहतर कर सकते है। अगर आप और Computer Mcq In Hindi को पढ़ने चाहते है तब आपको कमेंट में या फिर हमारे सोशल मीडिया में Computer Mcq In Hindi  लिख कर भेजना होगा। आशा करते है की आपको इस में लेख दी गई जानकारी Computer Mcq In Hindi  पसंद आई होगी।

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