Cold War in World History Political Science NCERT12th Notes in Hindi

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नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे शीतयुद्ध के दौर जिसे Cold War के नाम से भी जाना है जो विश्व के महान दो व्यक्तियों के बीच परमाणु वर्चस्व को बनाए रखने के साथ शुरुआत हुई इसे ही विश्व की पहली दुनिया दूसरी दुनिया के नाम से जाना गया.

Cold War 1945-1991

जब दूसरा विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक मित्र राष्ट्र जिसमें अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस USSR और धुरी राष्ट्र जर्मनी इटली और जापान के बीच युद्ध हुआ जिसमें विश्व के सभी महान देश शामिल थे दूसरे विश्व युद्ध समाप्त जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी के ऊपर परमाणु बम गिराए जाने से हुए और जापान ने घुटने टेकने पड़े पर बात यह है कि जब जापान परमाणु बम गिराने से पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया था तो परमाणु बम गिराने की जरूरत क्या थी तब अमेरिका ने कहा कि हम अन्य देश मतलब सोवियत संघ को बताना चाहते हैं कि हम विश्व के सबसे ताकतवर देश हैं जर्मनी और जापान के हारने के बाद विश्व की दो महान शक्तियां उभर कर सामने आई दूसरे विश्व युद्ध के समाप्त होने के बाद विश्व में COLD WAR की शुरुआत होती है.

कैसे हुई विश्व की दो महान शक्तियां USA और USSR की शुरुआत

इतिहास का पहला चरण 1947 से 1953 शुरुआत होती है

1 ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल का फुल्टन (USA) मार्च 1946 को भाषण देते हुए कहा था कि एक तानाशाह के स्थान पर दूसरे तानाशाह को स्थापित नहीं होने दिया जाएगा जो सीधे-सीधे सोवियत संघ की ओर इशारा कर रहा था
2. टूमेन का सिद्धांत बॉस 12 मार्च 1947 जो कि साम्यवाद से संबंध था
3. मार्शल योजना 8 जून 1947
4. कोमेकोन की स्थापना 25 अक्टूबर 1947
5. चीन में साम्यवादी सरकार की स्थापना 1 अक्टूबर 1949 उत्तरी कोरिया को हराकर दक्षिण कोरिया पर फौजी हमला 8 जून 1953.
अब अपना अपना क्षेत्र बढ़ाने के लिए खुली हुई थी जो विश्व के छोटे-छोटे देश उनके पास भी किसी एक व्यक्ति के पास जाना लगभग तय हो गया क्योंकि उस समय यह छोटे छोटे देश मिलकर भी किसी एक शक्ति का सामना नहीं कर सकती थी पश्चिमी यूरोप के ज्यादातर देश यूएसए में शामिल हो गए और पूर्वी देश के ज्यादातर देश यू एस एस आर में शामिल हो गए इसलिए यह पश्चिमी और पूर्वी गठबंधन कहलाए पश्चिमी गठबंधन ने अप्रैल 1949 में नाटो की स्थापना की जबकि पूर्वी गठबंधन ने वारसा की संधि 1955 के नाम से संगठन बनाया

अब सवाल यह है कि जब विश्व में दो ही महान शक्तियां थी तो उसे छोटे-छोटे देशों को अपने में शामिल करने से क्या फायदा होने वाला था दो महान शक्तियों का निम्न प्रकार से फायदा हुआ

1.महत्वपूर्ण संसाधन जैसे तेल और खनिज के रूप में
2.सैनिक कानों के लिए जैसे एक दूसरे की जासूसी के लिए उदाहरण के लिए USSR ने क्यूबा में मिसाइल तैनात की और यूएसए ने श्रीलंका में मिसाइल तैयार की
4आर्थिक मदद के लिए

अब बात आती है कि यूरोप दो भागों में बंट गया लेकिन एशिया अफ्रीका इनका क्या हुआ अब एशिया भी यूरोप की तरह USA और USSR दोनों महाशक्ति हो अपने वर्चस्व बनाने लगी और दक्षिणी पूर्वी एशिया अमेरिका के साथ और दक्षिणी पूर्वी एशियाई संधि संगठन(SENTO) और केंद्रीय संधि संगठन(CENTO)बनाए गए और USSR ने चीन के उत्तरी वियतनाम उत्तरी कोरिया और इराक में अपने संबंध मजबूत किया.

अब हम बात करेंगे उन देशो का जो अभी अभी किसी उपनिवेश जैसे ब्रिटेन और फ्रांस से नव स्वतंत्र हुए हैं जो किसी भी शक्ति के साथ शामिल नहीं होना चाहते थे उन्होंने अपना एक अलग ही गुट बनाया जिसे गुटनिरपेक्ष आंदोलन के रूप में जाना गया ।गुटनिरपेक्ष आंदोलन की चर्चा विस्तार से हम आगे करेंगे शीत युद्ध ( COLD WAR) के दौरान महान शक्तियां जैसे कोरिया (1950 – 1952)बर्लिन( 1958-62) कांगो (1960 )में सीधे-सीधे मुठभेड़ की स्थिति में आ चुकी थी इसमें यह दोनों शक्तियां सामने आई लेकिन कुछ परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं किया गया इन संकटों को टालने के लिए गुटनिरपेक्ष देशों की भूमिका महत्वपूर्ण रही जिसमें दक्षिण कोरिया और उत्तरी कोरिया के बीच मदरस नेहरू द्वारा रंगों के संकट पर यू एन ओ के महासचिव की भूमिका महत्वपूर्ण रही गुटनिरपेक्ष आंदोलन के बारे में आगे विस्तार से बात करें

क्यूबा में मिसाइल संकट

हम पीछे भी बात कर चुके हैं कि कैसे दो महान शक्तियां में यूरोप व बाकी देशों के साथ अपना प्रभुत्व जमाया और यह देश इन दोनों में शामिल इन दोनों में शामिल हुए इसी में एक था जो बा जो उत्तरी अमेरिका के दक्षिण पूर्व में एक छोटा सा द्वीपीय देश है जहां पर यू एस एस आर के नेता निकिता पुरुषों ने यूएसए के ऊपर अपनी निगरानी बनाए रखने के लिए सन 1962 में परमाणु मिसाइलें तैनात कर दी क्यूबा के राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो जो कि यू एस एस आर से घुटने व वित्तीय सहायता प्रदान करते थे

अब पहली बार अमेरिका यू एस एस आर के इतने नजदीक निशाने था कि वह USA के दो पुणे शहरों पर हमला बोल सकता था लेकिन USA को यह बात तीन हफ्तों के बाद पता चली जी एस एस ने क्यूबा में मिसाइलें तैनात कर दी है उस समय यूएसए के राष्ट्रपति जॉब आफ कनेक्टिंग थे पूरा विश्व अब डर के साए में था कि आप तीसरा विश्व युद्ध मतलब परमाणु युद्ध होने वाला क्योंकि यूएसए के राष्ट्रपति केनेडी ने आदेश दे दिया कि यूएस के जहाजों को क्यूबा की तरफ जाने से रोका जाए यह परमाणु परमाणु युद्ध कैसे भी करके एक बार के लिए रुक गया और इस संकट की जानकारी हम आपको आगे देंगे

अब हम दोनों देशों के किस तरह की सोच रखते थे जैसे युवा से विवाद व गुट उदारवादी लोकतंत्र हुए यूएसएसआर समाजवादी व संवाद के रूप में जाने जाते थे इन दोनों देशों के बीच अपने अपने परमाणु व अन्य हथियारों को सीमित या समाप्त करने के लिए 1960 के दशक में तीन अहम समझौते के ऊपर हस्ताक्षर भी किए गए

  1. एक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध है
  2. परमाणु अप्रसार संधि .
  3. परमाणु परीक्षा पत्र परिसीमन संधि एंटी बैलेस्टिक मिसाइल ट्रीटी

यह COLD WAR अभी खत्म नहीं हुआ इससे आगे की जानकारी कि कैसे 1945 से लेकर 1991 तक विभिन्न देशों की घटनाओं के बारे में आपको विस्तार से बताया जाए जैसे

  • गुटनिरपेक्ष आंदोलन
  • जर्मनी की दीवार 1921 में खड़ी की गई 1989 में निकाली गई और जर्मनी का एकीकरण
  • सोवियत संघ का विघटन प्रीति के परिणाम

 

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